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सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आधार पर अब तक दिए गए आदेशों के अंश

23 सितम्बर 2013
[ जब तक संवैधानिक पीठ इस बारे में कोइ अंतिम सुनवाई न करे तब तक ] “ किसी भी व्यक्ति को आधार कार्ड नहीं होने के कारण परेशानी न हो भले ही किसी प्राधिकरण द्वारा इसे अनिवार्य करने का कोइ आदेश जारी किया गया हो ”

24 मार्च 2014
“.......किसी भी व्यक्ति को आधार नंबर नहीं होने के कारण किसी भी सेवा से वंचित नहीं किया जाएगा. सभी प्राधिकरण को यह निर्देश दिया जाता है कि वे फॉर्म्स, सर्कुलर्स और अन्य ऐसी चीज़ों में ऐसा बदलाव लायें कि आधार नंबर अनिवार्य न हो ताकि कोर्ट द्वारा पारित अंतरिम आदेश का पालन किया जा सके.”

16 मार्च 2015
“....हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार तथा उसके सभी अधिकारी कोर्ट द्वारा 23 सितम्बर 2013 को पारित आदेश का पालन करेंगे ”

11 अगस्त 2015
“भारत सरकार इलेक्ट्रौनिक और प्रिंट मीडिया ,जिसमे रेडियों और टेलीविजन शामिल हैं, द्वारा इस बात का व्यापक प्रचार प्रसार करेगी कि एक नागरिक के लिए आधार कार्ड प्राप्त करना अनिवार्य नहीं है ”
किसी भी सेवा के लाभ के लिए आधार कार्ड प्रस्तूत करना शर्त नहीं होगी
[ पी.डी.एस और एल.पी.जी में छुट] “ जवाबदाता द्वारा पी.डी.एस योजना खासकर खाद्यान्न इत्यादि और इंधन तेल जैसे केरोसीन के वितरण को छोड़कर किसी अन्य योजना के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा
आधार कार्ड निर्गत करते वक़्त भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण [UIDAI] द्वारा किसी व्यक्ति के बारे में प्राप्त सूचना का इस्तेमाल किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं होगा, ऐसे आपराधिक मामलों को छोड़कर जिसके तहकीकात के लिए कोर्ट द्वारा कोइ आदेश दिया गया हो.

15 अक्तूबर 2015
[ नरेगा, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम,जन धन योजना, ई.पी.एफ.ओ- में भी आधार इस्तेमाल की छुट]

हम भारत सरकार को यह आदेश देते हैं कि वह इस कोर्ट द्वारा 23/9/2013 से पारित आदेशों का कड़ाई से पालन करे
हम यह भी स्पष्ट करना चाहेंगे कि आधार कार्ड योजना पूरी तरह से वैकल्पिक है और इसे तब तक अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता जब तक कि कोर्ट द्वारा इस बारे में कोइ अंतिम निर्णय नहीं दिया जाए  

14 सितम्बर 2016
[ 15 अक्टूबर 2015 के आदेश को दोहराते हुए कोर्ट ने भारत सरकार द्वारा राज्यों को जारी  किये गए उस  आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें विभिन्न छात्रवृतियों के लिए आधार को अनिवार्य किया गया है ]

अंतिम आदेश खासकर महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आधार अधिनयम लागू होने के बावजूद पुराने आदेश को दोहराता है.

--- By Dheeraj Kumar, Right to Food, Jharkhand.